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घर घर जाकर संदेश देना है ! विश्व आदिवासी दिवस मनाना है !

घर घर जाकर संदेश देना है ! विश्व आदिवासी दिवस मनाना है !

घर घर जाकर संदेश देना है ! विश्व आदिवासी दिवस मनाना है !

"एक कदम गांव की ओर.."को
चरितार्थ करें सभी कार्यकर्ता !!
आपकी जय ! जय सेवा !
जय जोहार ! जय मुठवा !

धुळे: संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित 9 अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस समारोह की तैयारी बढे़ ही उत्साह  के साथ की जा रही है । 

सोशल मीडिया से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर देश के कई राज्यों में विश्व आदिवासी दिवस समारोह को साप्ताहिक रूप से मनाया जा रहा है ।

साप्ताहिक कार्यक्रमों में हमारी पुरानी परंपराओं को जीवित करने का प्रयास किया जा रहा हैं । हमारे देव स्थानों, पुजा व श्रद्धा स्थानों, खत्रीस, महापुरुषों इत्यादि को याद किया जा रहा हैं एवं उनकी पूजा अर्चना करें रहे हैं।

आदिवासी समाज प्रकृति पुजक व प्रकृति प्रेमी होने के नाते कार्यकर्ताओं द्वारा जगह जगह पर वृक्षारोपण किया जा रहा है । 

आदिवासी संस्कृति एवं महापुरुषों पर आधारित स्कूल एवं कालेज के बच्चों के लिए आन लाईन सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है । 

वर्ष 1995 में पहला विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया था । पिछले 25 सालों से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस को लेकर बिना रुके व थके लगातार प्रचार प्रसार किया और आज यह समय आया हैं कि हर नौजवान साथी लेकर सभी लोगों में विश्व आदिवासी दिवस को लेकर उत्साह और उमंग का माहौल बना हुआ है ।

9 अगस्त विश्व आदिवासी को और ज्यादा लोगों तक विस्तार करने में समाज के सभी जागरूक कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों व कर्मचारी अधिकारियों से अपील हैं कि वह एक कदम गांव की ओर... सूत्र वाक्य को चरितार्थ करने के लिए अपना रुख गांव की ओर करें । 

अपने मित्र, सहपाठी,सहकर्मी, रिश्तेदार व घर परिवार में 9 अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाने के लिए प्रोत्साहित करें । 

समाज के जिम्मेदार कार्यकर्ता होने के नाते हम सबकी जवाबदारी बनती हैं कि जो चीज हमें मालूम है उसे समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचायें ।

9 अगस्त, विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिवासियों के प्राकृतिक एवं संवैधानिक अधिकारों तथा  शासन की योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी दें ।

समाज में शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढे़, समाज का खोया हुआ स्वाभिमान फिर से जगे और स्वावलंबन खड़ा हो इस हेतु प्रयास करें ।

समाज की छात्र विंग, महिला विंग, कर्मचारी अधिकारी विंग एवं जन संगठनों के कार्यकर्ता के लिए यह एक चुनौती है और इस चुनौती को हम सभी लोग स्वीकार करते हुए गांव-गांव, मोहल्ले-मोहल्ले व घर-घर तक 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस का संदेश पहुंचायें ।


घर घर जाकर संदेश देना है ! विश्व आदिवासी दिवस मनाना है !!

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